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AHDP Syllabus | Animal Husbandry Diploma Program Syllabus यहां देखे

Animal Husbandry Diploma Program (AHDP) का संपूर्ण syllabus हमने नीचे उपलब्ध कराया है जिसकी PDF भी आप नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं। आप निचे AHDP Syllabus को विस्तार पूर्वक देख सकते है।

AHDP First Paper Syllabus

(परिचयात्मक पशु चिकित्सा शरीर रचना विज्ञान)

First Semester Syllabus

कोर्स:- परिचयात्मक पशु चिकित्सा शरीर रचना विज्ञान- 1
हडिड्यों का सामान्य अध्ययन- अस्थि विज्ञान में काम आने वाली शब्दावली, अस्थियों के आकारानुरूप उनका वर्गीकरण, कार्य, गोवंश के कंकाल की हड्डियों का विवरण पहचान एवं घोडे कुत्ते, भेड, शूकर व मुर्गी के कंकालों का तुलनात्मक अध्ययन।
शरीर में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के जोड़ एवं संधियों का अध्ययन।
पैर व गर्दन की मुख्य पेशियां एवं कण्डरा का अध्ययन।
त्वचा एवं उससे संबंधित अवयवों का अध्ययन – जैसे एपीडर्मिस, डर्मिस, त्वचा के रंग, हायपोडर्मिस, बाल, त्वचा में पाई जाने वाली स्त्रावी ग्रन्थियां, सींग, पंजे, चेस्टनट आदि।

Second Semester Syllabus

कोर्स:- परिचयात्मक पशु चिकित्सा शरीर रचना विज्ञान- 2
कोशिका संरचना, उतक संरचना।
पाचन तंत्र :- मुंह, टोन्सिल्स, फेरिन्क्स, इसोफेगस, रूमिनेन्ट व नानरूमिनेन्ट स्टोमक, छोटी आंत, बडी आंत व पाचन से संबंधित सहायक अंग व पाचन ग्रन्थियां।
श्वसन तंत्र :- नोस्ट्रिल नेजलकेविटी, साइनस, फेरिन्क्स, लेरिन्क्स, ट्रेकिया, फेफडे, छाती, फुफ्फुस का आवरण व श्वसन की कार्यकी।
रक्त परिवहन तंत्रः- हृदय, रक्त वाहिनियां, शिरायें, धमनियां, पोर्टल सरक्यूलेशन, फीटल सरक्यूलेशन, लिम्फेटिक सिस्टम।
उत्सर्जन तंत्र :- गुर्दों, मूत्रवाहिनी, मूत्राषय, मूत्रमार्ग की संरचना, नेफोन की संरचना आदि।
मादा जनन तंत्र :- अण्डाशय, गर्भाषय नली / गर्भनली, गर्भाषय, योनी, भग जनन अंगों को जाने वाली रक्त शिरायें व स्नायूतंत्र।
नर जनन तंत्र :- वृषण, अधिवृषण, डक्टस डिफेरेन्श, स्क्रोटम, पेनिस, नर प्रजनन अंगों को जाने वाली प्रमुख पेशियां, जनन तंत्र से संबंधित रक्त शिराये, स्नायू तंत्र व सहायक जनन ग्रन्थियां, सेकेण्डरी सेक्स करेक्टर थनों की संरचना।
AHDP Syllabus

AHDP Second Paper Syllabus

(परिचयात्मक पशुचिकित्सा शरीर क्रिया व जैव रसायन विज्ञान)

First Semester Syllabus

Course : परिचयात्मक पशुचिकित्सा शरीर क्रिया व जैव रसायन विज्ञान – 1
पेशियों की सामान्य कार्यकी एवं जैव रसायनकी जैसे कि चिकनी, हृदयी, ऐच्छिक, रेखित पेषियाँ।
शारिरीक द्रव की सामान्य कार्यकी एवं जैव रसायनकी – रक्त कोशिकाओं का बनना, हिमोपोयसिस, प्लाज्मा, सीरम, ब्लड, पीएच, थक्का बनना विभिन्न प्रकार की रक्त कोशिकायें, लिम्फ, सेरिब्रों स्पाईनल फ्लूड, सायनोवियल फ्लूड, सिरम, मेकरोफेजेज व इम्युनिटि।
पाचन तंत्र की सामान्य कार्यकी एवं जैव रसायनकी भोजन के प्रमुख रासायनिक तत्व, काब्रोहाइड्रेट, वसा (फैट), प्रोटीन, मिनरल, विटामिन्स, जीव रसायन संघटक आदि पाचन तंत्र में भौतिक कार्यकी जैसे- प्रिहेन्सन, चबाना, निगलना, गेस्ट्रिक मूवमेन्ट्स, छोटी व बडी आँत की कार्यकी रोमान्थी व अरोमान्थी में पाचन व उनका तुलनात्मक अध्ययन, पाचन तंत्र में कार्य करने वाले विभिन्न एन्जाइम्स, पाचक तत्वों का अवषोषण, प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट, वसा का उपाचय पाचन तंत्र की विभिन्न पाचन ग्रन्थियों जैसे सलेवरी ग्लेन्ड, गालब्लेडर, पेनक्रियाज आदि के कार्य।
श्वसन तंत्र की सामान्य कार्यकी एवं जैव रसायनकी- मेकेनिज्म आफ रेस्पीरेशन व बायोकेमेस्ट्री, विभिन्न प्रकार की श्वसन क्रियायें, डेड स्पेस, कृत्रिम श्वसन, गैसों का आदान प्रदान आदि।

Second Semester Syllabus

कोर्स : परिचयात्मक पशुचिकित्सा शरीर क्रिया व जैव रसायन विज्ञान – 2
रक्त परिवहन तंत्र की सामान्य कार्यकी एवं जैव रसायनकी – हृदय चक्र, कन्डक्शन सिस्टम आफ हार्ट, नर्वस कन्ट्रोल आफ ब्लड फ्लो, शॉक, ब्लड वोल्यूम एण्ड प्रेशर, वीनस व लिम्फेटिक रिटर्न, पशुओं में प्रतिरक्षा एवं टीकाकरण के सिद्धान्त।
उत्सर्जन तंत्र की सामान्य कार्यकी व जैवरसायनकी- वृक्क की कार्यकी, नेफोन की कार्यकी।
मादा जनन अंगों की सामान्य कार्यकी व जैवरसायनकी – प्यूबर्टी, ऊजेनेसिस, ओब्यूलेशन व फोरमेसन आफ कॉरपस ल्यूटियम, मद चक्र मादा जनन में कार्य करने वाले हारमोन्स, गर्भावस्था व प्रसव।
नर जनन अंगों की सामान्य कार्यकी व जैवरसायनकी इरेक्षन, इजेकुलेशन नर जनन में कार्य करने वाले हारमोन्स, वृषण के कार्य को प्रभावित करने वाले कारक, लिंग निर्धारण, स्परमेटोजिनेसिस, स्परमेटोजोआ, जनन में सहायक ग्रन्थियों के कार्य।
दुग्ध क्षरण की कार्यकी – अयन की संरचना, दुग्ध सावण, दुग्ध क्षरण का स्तर बने रहना (गेलेक्टोपोयेसिस) दूध का थनों में उतरना (लेट डाउन आफ मिल्क) कोलस्ट्रम का बनना, दुग्ध में वसा, प्रोटीन का बनना, दुग्ध उत्पादन का अनुपस्थित होना।

AHDP Third Paper Syllabus

(परिचयात्मक पशुपालन प्रबन्धन)

First Semester Syllabus

कोर्स का नाम : परिचयात्मक पशुपालन प्रबंधन प्रथम
पालतू पशुओं का सामान्य प्रबंधन ।
पशुओं का आर्थिक महत्व और उनके उत्पाद ।
पालतू पशुओं व कुक्कुट के शरीर के विभिन अंगों की पहचान।
राजस्थान में पाए जाने वाले गोवंष, भेड, भैंस, बकरी, ऊटो, शुकर एव कुक्कुट की मुख्य नस्लों के निवास स्थान तथा मुख्य लक्षणों की जानकारी प्रमुख विदेषी नस्लों के लक्षण एवं गुणों की जानकारी।
पशु प्रबंधन, उनको काबू में करना, सामान्य जानकारी जैसे जानवर को संभालना- नाथ और बुल होल्डर आदि का उपयोग करना।
गोवंष ऊटों, अष्व, बकरी, भेड, व भैस, की उम्र ज्ञात करना ।
पशुओं का भार ज्ञात करना ।
पालतू पशुओ की पहचान हेतु चिन्हित करने के तरीके जैसे- दागना, नंबर लगाना, कान बींधना, गोदना आदि।
पशुओं का सामान्य तापक्रम, नाडी स्पन्द एव श्वसन गति की जानकारी ।
पालतू पशुओं व कुक्कुट में टीकाकरण कार्यक्रम ।

Second Semester Syllabus

कोर्स का नाम : परिचयात्मक प्रबंधनः 2
पालतू पशुओं की विभिन्न प्रकार की आवास व्यवस्थाए जैसे गाय, भेड़, बकरी, घोड़ों, ऊँट, व कुक्कुट।
गांव में पशु आवासों में कमिया व उनका निष्पादन।
बच्चा देते समय और तत्पष्चात गाय की देखभाल करना व उसको समूह से अलग करना, प्रसव कमरे को जीवाणु रहित करना, दुग्ध ज्वर से बचाव, प्रसव प्रक्रिया के लक्षण, प्रसव उपरांत जेर डालना, ब्याने के बाद देखभाल आदि।
शुष्क गाय की देखभाल, शुष्क होने के कारण, शुष्क करने की विधिया, ग्याभीन गाय का प्रबंन्ध।
नवजात बच्चों के जन्म से पहले, जन्म के समय व बाद में देखरेख, चिन्हित करना, बंध्याकरण, सींग रोधन व बीमारियों से बचाव व उनकी रोकथाम करना व उनकी पहचान के लिए चिन्हित करना।
डेयरी सांड की देखभाल, प्रषिक्षण, आवास व्यवस्था, प्रजनन के लिए व्यायाम आदि।
दुग्ध उत्पादन– उद्देष्य, विधि, प्रदूषित करने वाले रोग जनक कारक व उनकी रोकथाम।
पशु आवासों में साफ सफाई व जीवाणु रहित करना, पशु मल मूत्र और अन्य दूसरे अपषिष्ट को निस्तारित करना।
ठोस और तरल खाद को निस्तारित करना पुनर्चक्रण व उसके उपयोग।
चूजों और मुर्गियों का सामान्य प्रबंधन।

AHDP 4th Paper Syllabus

(पशुपालन प्रसार)

First Semester Syllabus

कोर्स का नाम: पशुपालन प्रसार – 1
राज्य में पशुपालन का आर्थिक महत्व।
औपचारिक, गैर औपचारिक और अनौपचारिक षिक्षा की विशेषताएं।
पशुपालन विस्तार षिक्षा का परिचय।
विस्तार षिक्षा के पशुपालन विकास में भूमिका।
सामुदायिक विकास का बुनियादी ज्ञान।
विस्तार षिक्षण में कदम।
विस्तार में षिक्षण विधियों।
नेतृत्व और उनके वर्गीकरण।
पशुपालन विस्तार में नेताओं की भूमिका
ग्रामीण क्षेत्र में महत्वपूर्ण संचारकों की पहचान।
विभिन्न पशुपालन विस्तार कार्यक्रम की सामान्य जानकारी।
गौषाला विकास कार्यक्रम।
पशु मेलों और प्रदर्षनियों का परिचय।
जानवर को शो के लिए तैयार करना।

Second Semester Syllabus

कोर्स का नाम: पशुपालन प्रसार – 2
विस्तार षिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिभाषाएँ ।
पशुपालन विकास कार्यक्रमों का इतिहास।
पशुपालन विकासात्मक गतिविधियों।
मुर्गी पालन, भेड़, बकरी, और सूअर उत्पादन के लिए आवष्यक जानकारी।
राजस्थान पशुपालन प्रषासन और उनके कार्य।
पशुचिकित्सा संगठनों में पशुधन सहायक की भूमिका।
पशु फार्म में महत्वपूर्ण प्रबंधन प्रथाएँ।
दूध रिकॉर्डिंग, झुंड पंजीकरण और बैल पंजीकरण के बारे में जानकारी।
कृत्रिम गर्भाधान एवं इसके महत्व पर आवष्यक जानकारी।
पशु उत्पादन में सुधार के लिए प्रजनन के मौलिक।
प्रजनन नीति की अवधारणा।
टीकाकरण और टीकाकरण कार्यक्रम।
किसान प्रषिक्षण और समूह चर्चा।
विभिन्न वैज्ञानिक तकनीकों के विस्तार में उपयोग।

5th Paper Syllabus

(परिचयात्मक पशु अनुवांषिकी एवं प्रजननिकी)

First Semester Syllabus

कोर्स का नाम : परिचयात्मक पशु अनुवांशिकी
अनुवांशिकता एवं विभिन्नता।
परिभाषा, वर्गीकरण, इत्यादि।
अनुवांशिकता का रासायनिक आधार डी एन ए की संरचना एवं उसके द्वारा आनुवांशिक सूचनाओं का परिवहन अनुवांशिकता एवं प्रजनन की मूल अवधारणा –
  • कोशिका विभाजन – समसूत्री तथा अर्द्धसूत्री
  • सहलग्नता एवं क्रॉसिंग ओवर
  • मेंडल के अनुवांशिकता के सिद्धान्त एकसंकर तथा द्विसंकर अनुवांशिकता
  • एकसंकर व द्विसंकर अनुवांशिकता के संषोधित अनुपात
  • पशुधन तथा कुक्कुट में गुणसुत्रों की संख्या तथा प्रकार
  • बहु युग्म विकल्पी प्रकार, कारक एवं प्रभाव
  • उत्परिवर्तन
लैंगिक अनुवांशिकता-
  • समजात, विषमजात
  • लिंग निर्धारण
  • लिंग संलग्न, लिंग प्रभावी तथा लिंग सीमित अनुवांषिकता

Second Semester Syllabus

कोर्स का नाम : परिचयात्मक पशु प्रजननिकी
1. प्रजनन नियम
  • अन्तः प्रजनन प्रकार, उपयोग, अनुवांशिक तथा बाह्य प्ररूपी पर प्रभाव
  • बाह्म प्रजनन – प्रकार, उपयोग, अनुवांशिक तथा बाह्य प्ररूपी पर प्रभाव
  • चयनित प्रजनन
  • राजस्थान में पशु पालन की रणनीतियां
  • चयन एवं छटनी
  • चयन के आधार एवं प्रकार
पशु प्रदर्शन सुधार की तकनीक।
वशांवली, संतति तथा प्रजनन अभिलेख का महत्व एवं रखरखाव।

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